नवरात्रि में अम्बे माता,
नव रूप में आती है,
सब रूपों में उनकी महिमा,
दुनिया सारी गाती है....
प्रथम रूप शैलपुत्री माता,
हिम सुता कहलाती है,
नवरात्रि में अम्बे माता,
नव रूप में आती है....
द्वितीय है ब्रह्मचारिणी माता,
दुख सबके हर जाती है,
नवरात्रि में अम्बे माता,
नव रूप में आती है....
तृतीय रूप चंद्रघंटा माता,
जगत कल्याण को आती हैं,
नवरात्रि में अम्बे माता,
नव रूप में आती है....
चतुर्थ हैं कुष्मांडा माता,
भवसागर से पार लगाती है,
नवरात्रि में अम्बे माता,
नव रूप में आती है....
पंचम रूप स्कंदमाता,
जग आलोकित कर जाती हैं,
नवरात्रि में अम्बे माता,
नव रूप में आती है....
षष्ठम है कात्यानी माता,
राजीव सुलोचना वर दे जाती हैं,
नवरात्रि में अम्बे माता,
नव रूप में आती है....
सप्तम रूप कालरात्रि माता,
दुष्ट दलन को आती हैं,
नवरात्रि में अम्बे माता,
नव रूप में आती है....
अष्टम है महागौरी माता,
सुख समृद्धि बरसाती हैं,
नवरात्रि में अम्बे माता,
नव रूप में आती है....
नवम रूप सिद्धिदात्री माता,
साधना सिद्ध कर जाती हैं,
नवरात्रि में अम्बे माता,
नव रूप में आती है,
सब रूपों में उनकी महिमा,
दुनिया सारी गाती है,
सब रूपों में उनकी महिमा,
दुनिया सारी गाती है....