माता के मंदिर को सोने का बनाना है

माता के मंदिर को सोने का बनाना है
सेवा मे करो करो अर्पण जो कुछ भी  चढ़ना है

माता के मंदिर का ईस शहर जलंधर का॥
चर्चा हो ज़माने मे इसे ऐसा सजाना है

नही कोई जबरदस्ती करो दान यथा शक्ति ॥
थोडा है थोडा दो केसा शर्ममाना है

जो पास हमारे है उस माँ का दिया तो है॥
उसे अर्पण करने मे केसा गबराना  है

गुलशन जी कहते है दर्शन जी बताते है ॥
ये दान शान्त तेरा कभी  व्यर्थ ना जाना है,

माता के मंदिर को सोने का बनाना है
सेवा मे करो करो अर्पण जो कुछ भी  चढ़ना है
download bhajan lyrics (791 downloads)