श्याम बाबा इस फागण में मुझे दर पे भुला ले,
मैं दुनिया से हार गया,
मुझे दुनिया से क्या लेना मुझे तो तेरा दर भा गया,
श्याम बाबा इस फागण में मुझे दर पे भुला ले,
दर्द जुदाई का सह नहीं पाउ,
बिन तेरे बाबा अब रह नहीं पाउ,
दर्द जुदाई का सह नहीं पाउ,
तेरे बिन बाबा अब रह न पाउ,
बस इक तमना है दर्श तेरा पाउ,
सारी दुनिया में बाबा तेरा ही तो रंग छा गया,
श्याम बाबा इस फागण में मुझे दर पे भुला ले,.........
तू चाहे तो राज करा दे
तू चाहे तो तख्तो ताज दिला दे,
कोई और नहीं श्याम इक तेरे सिवा मेरा ,
देखु जो अगर सपना पूरा करवा देना
हर रंग में है रंग बाबा तेरा,
अविनाश को तो तेरा रंग भा गया,
श्याम बाबा इस फागण में मुझे दर पे भुला ले,