दरश दीवानी म्हारी आँखड़ली सांवरा
जोवा मैं तो नित थारी आँखड़ली सांवरा
इक झलक दिख ला दे दिलदार संवारा
या तू आजा या बुलाले म्हाने द्वार संवारा,
उठा तडकाऊ म्हारे लब श्याम आवे
दोपरा यु लागे बाबो माह्से बतलावे
सपना में आवो थारो ख्याल संवारा
या तू आजा या बुलाले म्हाने द्वार संवारा,
मन उछटा है म्हारो
जीव न है बस में
इब की बुलाले बाबा माहने ग्यारस पे
प्रेम की ये बाता मत टाल संवारा
या तू आजा या बुलाले म्हाने द्वार संवारा,
बिन दर्शन म्हारो हाल बेहाल जी
भजन सुना छाथाणे करस्या धमाल जी
गोलू चावे है थारो प्यार संवारा
या तू आजा या बुलाले म्हाने द्वार संवारा,