जब साई का सिर पे हाथ है तो डरने की क्या बात है

जब साई का सिर पे हाथ है तो डरने की क्या बात है,
साई किरपा से ही तो रोशन जीवन की हर रात है ,
जब साई का सिर पे हाथ है तो डरने की क्या बात है,

सुख दुःख जीवन के दो पहलु ये तो आते जाते है,
पर मेरे साई बाबा सबका सदा ही साथ निभाते है,
साई के भगतो के लिए हर दिन खुशियों की प्रभात है,
जब साई का सिर पे हाथ है तो डरने की क्या बात है,

साई का चिंतन करलो तुम चिंता पास न आएगी,
किरपा करेंगे साई ऐसी हर मुश्किल टल जायेगी
साई का साथ सच्चा जिसने न धोखा न मात है,
जब साई का सिर पे हाथ है तो डरने की क्या बात है,

है किरपालु साई मेरे इनकी किरपा को पा लो तुम,
जो चाहो सो मिलेगा तुम्हे दामन जरा फैला लो तुम.
साई के दर से मन चाही हर मिलती यहाँ सौगात है,
जब साई का सिर पे हाथ है तो डरने की क्या बात है,
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