मेरी बात पे साँवरिया तेन्ने करी ना जरा गोर नही,
भगत बिना सुन सांवरिया ताने पूजन न कोई और नही,
मने सुना था श्याम धनि सेठ जगत से मोटा से,
ताने कदे न सोची बाबा तेरे भगत के घर में टोटा से,
आज दिन मेरा खोटा से रे सदा एक सा दोर नही,
भगत बिना सुन सांवरिया ताने ..............
मने भी जो दे देगा तेरा क्या घट जावेगा,
तेरे बाबा फर्क पड़े न मेरा साटा सट जाये गा,
आज देंदे नत से ज्यादा तेरे जैसा कठोर नही,
भगत बिना सुन सांवरिया ताने ..........
मैं निर्धन किस ढाल में हु धनवाना से पहरा से,
मने सो सो रूखे मार लिए सुनी के बेहरा से,
मेरे जखम जिगर में गहरा से मेरा चलता बिलकुल जोर नही,
भगत बिना सुन सांवरिया ताने ...........
राम अवतार की भी सुन ले श्याम मानस ढोल पीटने का,
भीम सैन का सेहर बिवानी रहने वाला हरयाने का,
मेरा काम है भजन बनाने का तेरी तरह माखन चोर नही,
भगत बिना सुन सांवरिया ताने ........