मैं तो साई की दीवानी मैं तो बाबा की दीवानी,
लोग मुझे केहन वनवारी,मैं तो होगी मतवारी,
लोग मुझे कहन वनवारी,
मैं तो साई की दीवानी ........
होंगी सारी मुरादे पूरी मन में धारो शरधा सबुरी,
चढ़ गई नाम खुमारी,लोग मुझे कहन वनवारी,
मैं तो साई की दीवानी ........
दुनिया की मैं बहुत सताई,
तब बाबा की शरण में आई ,
तेरे रंग चुनरी रंग डाली लोक मुझे कहन वनवारी,
मैं तो साई की दीवानी ........
लाज शर्म को भूल के नाचू,
साई के दर झूम के नाचू,
मैं जाऊ बलिहारी,लोग मुझे कहन वनवारी,
मैं तो साई की दीवानी .......