मुझे पंख लगा दे साई मैं शिर्डी आ जाऊ,
तेरा रूप निहारु साईं,
मुझे पंख लगा दे साईं मैं शिरडी आ जाऊ,
जब से सुना है नाम साईं मन को होता तरली पाई,
मैं उड़ के औ साईं मेरे पंख लगा दे,
मुझे पंख लगा दे साई .....
अब तो भुलाले साईं मैं गीत तेरे ही गाऊ,
तेरे चरणों में आके गुण तेरे ही गाऊ,
मुझे पंख लगा दे साई ......