ये माना कन्हिया मैं सुदामा नही हू
मगर हाल मेरा सुदामा के जैसा
तंदुल हमारे तुमने ना खाये
हमने भी तुमसे चने ना छुपाये
ये माना सखा मैं तुम्हारा नही हू
मगर..........
कन्हिया कन्हिया पुकारा था उसने
सुदामा सुदामा पुकारा था तुमने
मेरा नाम लेकर तुमने पुकारा
मगर.........
है मुझको भरोसा आओगे मोहन
मुझे भी गले से लगाओगे मोहन
भगत सुदामा के प्रीत नही है
मगर...........