भव सागर से पार है जाना, बंदे रब का दर्शन पाना,
ॐ साईं नाथ जप ले, ॐ साईं नाथ जप ले |
भक्तो के प्यारे, दुनिया के सहारे,
जो सब के काम सवारे, दुखियो के कष्ट निवारे,
वो साईं नाथ है, हर जगह मेरे साथ है |
पत्थर जो छू ले बाबा, सोना कर देते हैं |
रोगीओ के रोग सारे, आप हर लेते हैं ||
जो डूब रहा है मझदारे, वो मुख से साईं पुकारे, उसे आप लगते पार हैं,
वो साईं नाथ है, हर जगह मेरे साथ है ||
साईं की निगाह में कोई, ऊँचा नाही नीचा है |
एक ही मिटटी से सारी बगिया से सींचा है ||
धरती पे फुल जो सारे , अम्बर के सभी सारे सितारे, है जिन पे सभी बलिहारे,
वो साईं नाथ है, हर जगह मेरे साथ हैं ||
सारे जगत के बाबा साईं दयावान हैं |
एक ही सब के मालिक, एक भगवान् हैं ||
ए मेरे सतगुरु प्यारे, ए मेरे अल्ला प्यारे, कहे सब के राम दुलारे,
वो साईं नाथ हैं, हर जगह मेरे साथ हैं ||