आयो मदन गोपाल माँ यशोदा के लाल,
संग में आये गोपी ग्वाल नाचे दे दे के ताल,
मच गया शोर चारो और के आये नन्द लाला,
अब देंगे मटकियां फोड़ आये नन्द लाला,
आयो मदन गोपाल माँ यशोदा के लाल,
बंसी बजावे सब को रिजावे गोपी ग्वालन को नाच नचावे,
तान मधुर बंसी की छेड़े मुरारी तोड़ ने को मटकी देखो आये मुरारी,
सांवली सुरतिया जो सब का मन मोहे मोर मुकत कान्हा के मस्तक पे सोहे,
ओ मेरे गिरधर गोपाल नन्द बाबा के लाल,
करे सबको निहाल देख कान्हा की चाल मच गया शोर चारो और आये है नन्द लाला,
रास रचियाँ बंसी बाजियां बलदाऊ के भाइयाँ,
गोपी नाचे ग्वाला नाचे संग में गिरधारी,
बंसी की धुन पे नाचे सृष्टि सारी,
प्रेम भाव से सभी मोहन भुलावे कछियांभर छाछ पे नाच नाचवे,
आया लड्डू गोपाल जरा मटकी संभाल,
माँ यशोदा के लाल करे ऐसा कमाल
मच गया शोर चारो और आये है नन्द लाला,