जबसे खाटू वाले ने सहारा दिया 
तबसे हर दुःख ने मुझसे किनारा किया 
है कमी मेरे घर में अब तो कुछ भी नहीं 
श्याम नाम का अमृत है जबसे पिया 
जबसे खाटू वाले ............
भाई बंधु न आँखें मिलाते थे 
जब मैं दिख जाता आँखें चुराते थे 
मांग लूँ ना सहारा ये उनको था दर 
अब तो उन सबको है देखो मेरी फिकर 
श्याम खाटू का जबसे नज़ारा किया 
है कमी मेरे घर में अब तो कुछ भी नहीं 
श्याम नाम का अमृत है जबसे पिया 
जबसे खाटू वाले ............
दाना पानी नहीं था खाने को 
ना किराया था आने जाने को 
आँखों में आंसू मेरे रहता दिल में फिकर 
अब फिकर ही नहीं किसी बात की 
एक था वक़्त जब था गुज़ारा किया 
है कमी मेरे घर में अब तो कुछ भी नहीं 
श्याम नाम का अमृत है जबसे पिया 
जबसे खाटू वाले ............
हारे का सहारा बाबा श्याम है 
खाटू नगरी में इनका धाम है 
शीश का ये है दानी बाबा तीन बाण धारी 
अपने लालों की विनती को सुनता है ये 
टीटू की ज़िन्दगी में उजाला किया 
है कमी मेरे घर में अब तो कुछ भी नहीं 
श्याम नाम का अमृत है जबसे पिया 
जबसे खाटू वाले ............