श्याम धनि सिंगार तुम्हारा मेरे मन को भावे रे,
लाखो में तू एक लगे है जादू सा कर जावे से,
श्याम धनि सिंगार तुम्हारा........
केसर तिलक लागे है माथे गाल बैजंती सोहे रही,
कजरारे नैनो की शोभा भगतो का मन मोह रही,
घायल कर दिया सबका दिल जब मंद मंद मुश्कवे है,
लाखो में तू एक लगे है.......
लट गुंगरली लूट गई हमें लगे श्वी मतवाली रे,
फूलो के बंगले में बैठा सूरत लगे है प्यारी रे,
कानो में कुण्डल पाउ पैजनिया छम छम बाजे रे,
लाखो में तू एक लगे है.......
लाख दातरी श्याम धनि तू ही है मुरली वाला,
हारे का तू ही है सहारा तू ही श्याम खाटू वाला,
तू गिरधारी तू ही मोहन शीश का दानी कहावे से,
लाखो में तू एक लगे है......
हारे का सहारा मेरा बाबा श्याम प्यारा