घन घन घनघोर घटाओ

घन घन घनघोर घटाओ आओ आओ झूम के आओ,
आये संकट के पल देखके करुणा का जल,
प्यासी धरती की प्यास बुजा माता,
विनती करते है हम अब तू करदे रेहम जादू अपनी कला का दिखा माता,

तेरी दया के सागर में क्या है कमी,
तेरे भगतो पे क्यों आज विपता पड़ी,
सुखी नदियां है सूखे है जल कूप माँ,
आजा धार के घटाओ का रूप माँ,
आंसू झर झर बहे रो रो तुझसे कहे ऊचे भवनों से उड़ के तू आ माता,
घन घन घनघोर घटाओ आओ आओ झूम के आओ,

बिना पानी जुलस गए सब खेत माँ,
अब तो छोले उगल ने लगी रेट माँ,
पेड़ पोडो से रूठे है फल फूल माँ,
पशु पक्षी चेहकना गए भूल माँ,
कहे मुरझाये तन दुःख में डुभे ये मन,
फिर से खेतो में हरयाली ला माता
घन घन घनघोर घटाओ आओ आओ झूम के आओ,

तूने कष्टों से करना बचाया हमे,
फिर दयालु कहे गा कौन तुम,
माँ शकुम्बर का फिर नया रूप धर
हे महादिव्ये शक्ति चमत्कार कर ,
भक्त सारे तेरे हाथ जोड़े खड़े इनका सोया नसीबा जगा माता,
घन घन घनघोर घटाओ आओ आओ झूम के आओ,
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