साई शरण में आकर अपने बिगड़े काम बना ले तू,
करके सम्पर्ण साई चरण में मन वांछित फल पा ले तू,
साई नाम को अपना कर सब चिंतन त्यागत कर दे,
गम के अंधेर मिटा के भर ले खुशियों के उजाले तू,
साई शरण में आकर अपने बिगड़े काम बना ले तू,
देख मुसीबत क्यों गबराये हिमत से तू काम ले,
श्रद्धा और सबुरी से तू साई जी का नाम ले,
दुःख के बादल बरसे गे ऐसे रेहमत पा ले तू,
करके सम्पर्ण साई चरण में मन वांछित फल पा ले तू,
साई शरण में आकर अपने बिगड़े काम बना ले तू,
कैसे खिल सकता है गुलशन अगर न हो साई माली,
अगर साई ने नजर हटाई हाथ हो जाएगी डाली,
जपले साई नाम को बिसरा देने वाले तू,
करके सम्पर्ण साई चरण में मन वांछित फल पा ले तू,
साई शरण में आकर अपने बिगड़े काम बना ले तू,