अब तो कर दो कृपा बनवारी,
तुम ही हो इस जग में अपने,
झूठे सारे इस जग के सपने,
झूठी है ऐ दुनियां सारी,
मोह-लोभ में उलझ गए हम,
तुम्हारी कृपा बिन भटक रहे सब,
अब तो राह दिखाओ प्रभु जी,
हमरी टेर सुन लो गिरधारी,
अब...
जीवन दो दिन का मेला है,
हर पल इक नया झमेला है,
हमको राह दिखाओ प्रभु जी,
हर लो हमरी विपदा सारी,
अब..
-अर्द्धचंद्रधारी राम त्रिपाठी