हर बार भेजी श्याम पाती तेरे नाम की
बोल तेरे बिना जिंदगानी किस काम की
मैंने इन्तजार किया तू ना आया सागे
तक तेरी राह मेरे थके वनवारी
छलियाँ मैं इस बार छल में ना आऊंगा
जो न आया श्याम तो मुकदमा चलाऊ गा
जज मैं कन्हियाँ बाबा नन्द को बनाऊगा
उस पे गवाही राधे रानी से दिलाऊ गा,
इस बार पूरा इन्साफ मैं कराउगा,
जो न आया श्याम तो मुकदमा चलाऊ गा
कर दो मुकदमा तो बोल काहा जाएगा
मैया तुझे मारेगी दाऊ की डांट खायेगा
तूने जो सताया मैं भी तुझको सताऊ गा,
जो न आया श्याम तो मुकदमा चलाऊ गा
कितना पुकारा तुझे मैंने दिलो जान से
चाहे तू सबुती लेले बंसुरी की तान से
तुझको कसम तेरी गायो की दिलाउगा
जो न आया श्याम तो मुकदमा चलाऊ गा
भगतो की जिद से कन्हियाँ अनजान है
उनके ही प्रेम से बना तू महान है
बोल तेरे चरणों को छोड़ कहा जाउगा
जो न आया श्याम तो मुकदमा चलाऊ गा