वो है दया के सागर ओ भाई बाबा शिर्डी के साईं.
आये जो बनके दर पे सवाली जाये कभी न वो खाली,
सुनते है साईं सबकी दुआये दूर करदे सब वो भ्लाये,
खुद को कभी वो ना रोक पाए बाबा को जो मन से भुलाये,
साईं तो देते है सबको सहारा,करते है वो रखवाली,
आये जो बनके दर पे सवाली जाये कभी न वो खाली,
बिछड़े हुयो को साईं मिलाये ध्यान भक्ति में जो लगाये,
रोज सुबह श्रधा सुमन जो साईं के चरणों में चड़ाए,
साईं बना दे शक्ति से अपनी सुखी हुई हर ढाली,
आये जो बनके दर पे सवाली जाये कभी न वो खाली,
साईं के जैसा कोई नही है,
महिमा बाबा की सबसे निराली,
निर्धन को माया कोडी को काया,
बांजन की भर दे ओ झोली खाली,
ये सारी दुनिया है एक गुलशन साईं तो इसके माली,
आये जो बनके दर पे सवाली जाये कभी न वो खाली,