रख देना सिर पे तू हाथ मेरे साईं
रख लेना मेरी तू लाज मेरे साईं
जग है लुटेरा मैं अकेली मेरे साईं,
रख देना सिर पे तू हाथ मेरे साईं
वैसे तो इस दुनिया में कई लोग हमे मिल जाते,
है इनमे से कितने जो दिल की बात बताते,
कोई जाने न जाने जज्बात मेरे साईं,
जग है लुटेरा मैं अकेली मेरे साईं,
रख देना सिर पे तू हाथ मेरे साईं
दोलत शोरत के पीछे तो सारा जमाना दोड रहा
रिश्ते नाते प्यार वफा सब अपने पैरो रोंद रहा,
कोई देता न देता मेरा साथ मेरे साईं ,
जग है लुटेरा मैं अकेली मेरे साईं,
रख देना सिर पे तू हाथ मेरे साईं
जिन्दा है हम आज मगर कल का नही है भोरसा,
फिर भी इक दूजे को याहा हम क्यों देते है धोखा,
याहा होता है पल पल धोखा मेरे साईं,
जग है लुटेरा मैं अकेली मेरे साईं,
रख देना सिर पे तू हाथ मेरे साईं
खुदगर्जी की इस दुनिया में कैसे जी मैं पाऊ,
हो सकता है मेरे बाबा पास मैं तेरे आऊ,
रखलेना चरणों में साथ मेरे साईं,
जग है लुटेरा मैं अकेली मेरे साईं,
रख देना सिर पे तू हाथ मेरे साईं