बाबा की तस्वीर मैं ऐसी बनाउंगी
जैसे बहैठे खाटू में वैसे दिखलाऊँगी
बाबा की तस्वीर .............
मेरे मन के मंदिर में उनका आसान है
इन सांसों में उसी नाम की धड़कन है
श्याम नाम रंग में मैं तो रंग जाउंगी
जैसे बहैठे खाटू में वैसे दिखलाऊँगी
बाबा की तस्वीर .............
हट जाएगा दीवानो का सारा सूनापन
हर कोने में होंगे बाबा के दर्शन
सपना पूरा करके मैं तो दिखलाऊँगी
जैसे बहैठे खाटू में वैसे दिखलाऊँगी
बाबा की तस्वीर .............
मेरा घर भी बन जायेगा छोटा सा एक धाम
आकर करेंगे यहाँ बाबा को प्रणाम
अँधियारा मैं घर का दूर भगाऊँगी
जैसे बहैठे खाटू में वैसे दिखलाऊँगी
बाबा की तस्वीर .............