श्यामा थारी मन में आवे
बाबा थारी याद सतावे,
दो दिन रह जा पावना,
रह जा रह जा पावना,
चांदी की कड़कड़ी गडा दू लढ़ लटका दू न्यारी,
श्याम वर्ण पर ढोली ढोली लागे प्यारी प्यारी,
जा पे गुंगारा पवा दू,
दो दिन रह जा रह जा पावना...
बाजू बंद भुजा में बांधू गले में कंठी माला,
कान्हा माहि दयाला मुरकी आजा खाटू वाला,
जा मैं मोरनी मंडवा दू पावना,
दो दिन रह जा रह जा पावना.....
शामो तो केसरियो ला दू कहरो धेर गुमरे,
दूंगी वालो टोकलो में जा में बूंदा चारू में,
जा में तनवरी तन्वादु,
दो दिन रह जा रह जा पावना.....
सोहन लाल तेरे दवार पे खुबो हेलो मरो,
काम धान कुछ जाने ना ये सिदो सट धारे,
तो पे लुन राई करवा दू,
दो दिन रह जा रह जा पावना.....