अवधपुरी गया पेहली वार मन को लुभाया ये दरबार
कु सी दिल में उठने लगी राम प्रभु से हो गया प्यार,
झुक कर किया नमन झुक कर किया नमन के मेरे दिन बदल गये,
एसी लगी लगन के मेरे दिन बदल गये
राम ने सिर पे हाथ धरा भोज मेरे सिर का उतरा
किरपा राम ने बरसाई भाग्य हो गया हरा भरा
मेहका मेरा चमन मेहका मेरा चमन के मेरे दिन बदल गये,
एसी लगी लगन के मेरे दिन बदल गये
अब जीवन में मस्ती है मेरी सुखी ग्रेह्स्ती है
जो आनंद मैं लेता हु दुनिया उसे तरस ती है
रेहता हु मैं मगन रेहता हु मैं मगन के मेरे दिन बदल गये,
एसी लगी लगन के मेरे दिन बदल गये
राम के दर पे जाता हु कुछ लेकर ही आता हु
बिन्नू केहता इसी लिए इनके तराने गाता हु
करता हु मैं भजन के मेरे दिन बदल गये,
एसी लगी लगन के मेरे दिन बदल गये