भोले बाबा कहा छुपे हो सुध क्यों न लेते हो
आया शरण जो भोले बाबा वर तुम देते हो
नील कंठ की कठिन चडाई भगतो के मन बाहती है,
तेरी किरपा भोले बाबा बाह पकड़ ले जाती है,
खुशियों से घर भर देते हो सब की झोली भरते हो
आया शरण जो भोले बाबा ....
मैंने भो तो तेरे दर पर भोले अर्ज लगाई है
मेरी अर्जी तुमने भोले अब तक कहा छुपाई है,
भंडारे तुम भर देते हो कुछ भी न लेते हो
आया शरण जो भोले बाबा ....
हरते विपदा भगत जनों की यो दर पे आ जाता है,
मन ईशा वर पा के भोले सब कुछ पा जाता है
नागर किरपा कर देते हो भगतो के दुःख हरते हो
आया शरण जो भोले बाबा ....