डमरू वाला सब से न्यारा,
भंग दनित ये भोग लगाये
जोगी सा ये बेश बनाये ऐसा मेरा शिव प्यारा
डमरू वाला सब से न्यारा,
हाथ में डमरू गले में विषधर नंदी की है
सवारी जटा से अपनी बहा रहे है गंगा चन्दमा धारी
डम डम ये डमरू बजाए नट बन के ये नाच दिखाए ऐसा मेरा शिव प्यारा
डमरू वाला सब से न्यारा,
अमृत देकर विष पी गए ये नील कंठ कहलाते,
सुमिरन इनका जो भी करते भव से वो तर जाते
भगतो के ये सदा सहाए भूतो के ये नाथ कहाये ऐसा मेरा शिव प्यारा
डमरू वाला सब से न्यारा,
अरे बाबा सब के मन की जाने ये है अंतरयामी
सकल जगत के करता धरता ये है जग के स्वामी
सूर्ये चंदर के दीप जलाए
मेघो से अमृत वरसाए एसा मेरा शिव प्यारा
डमरू वाला सब से न्यारा,
सत्यम शिवम् सुन्दरम बाबा बिगड़ी सब की बनाते,
राजा हो या रंक सभी को अपने गले लगाते
कांटो में ये फूल खिलाये कष्टों के ये दूर भगाए ऐसा मेरा शिव प्यारा
डमरू वाला सब से न्यारा,