चर्ण पखारे बिना जाने नहीं दूँगी

चर्ण पखारे बिना जाने नहीं दूँगी
विनती करू गी पहिया पडू गी
विरहा की आग में अब न जलुगी
हाथ जोड़ कर बस यही कहुगी
चर्ण पखारे बिना जाने नहीं दूँगी

कितने रूप धरे है तुम ने कन्हाई
किसी अवतार में मेरी सुध न आई
सरयू के नीर नही बन रघुराई
गोदावरी तट पर कुटिया छवाई
इक यमुना ही बस रहे पराई
आये हो अब मोहना जाने ऐसे जाने नही दूंगी
ओ मेरे ठाकुर मैं हु दासी
प्रेम दीवानी दर्श की प्यासी जी भर के अब सेवा करू गी
चरण पखारे बिन जाने न दूंगी

देख दशा भगवान मुस्काये
चरण कमल जल माहि बडाये,

यमुना जी फूली न समाये
धोवत चरण परम सुख पाए,

मन भावन का सपर्श पा चरण कमल सिर धार
शांत हुई घजने लगी यमुना जी की धार

यमुना जी की प्रेम प्रीत का रिनी समय को मान
गोकुल जाते जाते दे रहे अश्वाशन दे रहे भगवान
हे प्राण प्रिया यमुना देते है वचन
बार बार तेरे तट पर आयेगे
मुरली भ्जायेगे गौए चराए गे
प्रेम लीला रास लीला यही पे रचाए गे

देर न करना मैं बात तकूगी
भूल न जाना मैं बात तकूगी
प्रभु तुम्हारे बिना रह न सकू गी
श्रेणी
download bhajan lyrics (691 downloads)