भगत जनों की आस की भगती रस की प्यास की
जिसे चनौती दी नो उस श्रदा विस्वाश की लाज राखो
आया सवाली तेरे द्वार मैया मेरी लाज राखो
शक्ति है तेरी अपार मैया मेरी लाज राखो,
दीन दुखी हर निबल जन की करती सदा रखवाली हो
हे महा माया तुम तो जगत के संकट हरने वाली हो
शंका और संदेह के काले अधियारे को दूर करो
पापी के अभिमान को अपने तेज से चकना चूर करो
अपनी आन और शान की गोरव और समान की
तेरे दर की डुल बना दो इस ध्यानु के ध्यान की
लाज राखो
इस से उनका कुछ न बिगड़े जो बिगड़े सो तेरा माँ
बल के नशे में दुष्टों ने माँ घोड़े का सिर काट दिया
तेरी शक्ति को ललकारा घोर है माँ अपराध किया
सिद्ध इस अपने धाम की पूजा मेरी निष्काम की
जो गागर में सागर भरता उस फल दायक नाम की
लाज राखो
ज्योति रूपा आध भवानी आओ माँ
करे अभिमानी ना मनमानी आओ माँ
तेरी परीक्षा की घडी आई आओ माँ
भगतो की हो न रुसवाई आओ माँ
दिल से तुझे बुलाता हु आओ माँ
सिर की भेट चडाता हु आओ माँ