चलो रे शिव जी के धाम सब को मिलेगा आराम
बन जायेगे वाहा सब के बिगड़े काम
चलो रे शिव जी के धाम सब को मिलेगा आराम
बाबा मेरे भोले भंडारी
डमरू मधुर बजाए अंतर यामी सब के मन की जाने बिना बिताए,
बिन मांगे ही पायेगा तू मन चाहा वर दान हो
बैठे है अव धुत लगाये उचे पर्वत डेरा
गोरा माता संग विराजे देते नंदी पेहरा,
कोटी जन्म के पाप शमा कर देंगे किरपा निधान
चलो रे शिव जी के धाम सब को मिलेगा आराम
शिव भोले को जाने तेरा कौन सा गुण भा जाए कट जाए
संकट की घड़ियाँ मोक्श द्वार खुल जाए
कर दे रे यह जीवन अपना तू उनके ही नाम हो
चलो रे शिव जी के धाम सब को मिलेगा आराम