दरबार तुम्हारा श्याम दुनिया से निरला है,
तेरी मस्ती का रंग ऐसा हर कोई मतवाला है,
तेरी ज्योतिका चम् चम् चमके उजारा है,
रंगी फिजा तेरी बड़ा दिलकश नजारा है,
तेरे दर पर लगा बाबा खुशियों का मेला है,
दरबार तुम्हारा श्याम दुनिया से निरला है
सिमटे है सभी तीर्थ तेरे दर में मेरे दाता,
दर्शन सब धमो का तेरे दर पे मिल जाता,
भक्ति खुशबू का याहा रंग निराला है,
दरबार तुम्हारा श्याम दुनिया से निरला है
चोकथ निराली ये दामन भर जाता है,
रिधि सिद्ध बेठी दर पे कोई खली ना जाता है,
सुरेश मगन पी के तेरे नाम का प्याला है,
दरबार तुम्हारा श्याम दुनिया से निरला है