दातार हो तो दया तुम दिखा दो,
गुजारु ये जीवन कैसे इतना सीखा दो,
बाँध सबर कर टूट न जाये,
ज़िंदगी ये मेरी मुझसे रूठ न जाये,
साथ ये अपना छूट न जाये,
सेहने मैं पाउ ऐसी सजा दो,
गुजारु ये जीवन कैसे इतना सीखा दो,
दातार हो तो .........
चौकठ पे तेरी पटक सिर रहा हु,
सांसे तो लेता हु मगर मर रहा हु,
बस इतनी तुमसे अर्ज कर रहा हु,
चरणों में अपने मुझको जगह दो,
गुजारु ये जीवन कैसे इतना सीखा दो,
दातार हो तो .........
दिल की ये बाते तुम से कहेगे,
दुःख और कितने प्रभु हम सहे गे,
हम तो है तेरे तेरे रहे रहेंगे,
माधव की बगियाँ अब तो खिला दो,
गुजारु ये जीवन कैसे इतना सीखा दो,
दातार हो तो .........