पौनाहारी बाबा मेरे देना सहारा
छुटे कभी न बाबा साथ तुम्हारा,
तेरे सिवा मन में मेरे आता न कोई
प्रेम का दीपक बाबा जलाता न कोई
तू ही मेरी नैया बाबा तू ही है किनारा
छुटे कभी न बाबा साथ तुम्हारा,
तेरे महिमा दिल से बाबा गाती रहुगी
सुबह शाम तुझको बाबा रिजाती रहू गी
सारी दुनिया से बाबा नाम तेरा प्यारा
छुटे कभी न बाबा साथ तुम्हारा,
मुझे तेरे दर से बाबा ह्टाती है दुनिया
कर के इशारा मुझको बुलाती है दुनिया
देखू नही मैं बाबा जग का इशारा
छुटे कभी न बाबा साथ तुम्हारा,