भटकता है क्यों, दुनियाँ में,
ये जग तेरा ना मेरा है,
आजा श्याम के दर पर,
यहीं से पार बेड़ा है,
ये है मेरे श्याम का दर,
ये है मेरे श्याम का दर,
दुनियाँ से जो मिला ना,
वो मिलता है यहाँ पर,
ये है मेरे श्याम का दर,
ये है मेरे श्याम का दर।
जो सर नहीं झुकता कहीं, झुकता जो यहाँ,
ऐसा भला दातार, और पाओगे कहाँ....-2
होकर निराश, कोई सवाली नहीं गया,
जो आ गया इस दर पर, वो खाली नहीं गया,
ये है मेरे श्याम का दर,
ये है मेरे श्याम का दर।
दुनियाँ से जो मिला ना,
वो मिलता है यहाँ पर,
ये है मेरे श्याम का दर,
ये है मेरे श्याम का दर।
जिसको नहीं है विश्वास, वो आके देख ले,
इक बार बाबा श्याम को, आजमा को देख ले.....-2
विश्वाश लेके दिल में, इनके द्वार जो गया,
ऐसा चला जादू के वो, दीवाना हो गया,
ये है मेरे श्याम का दर,
ये है मेरे श्याम का दर।
दुनियाँ से जो मिला ना,
वो मिलता है यहाँ पर,
ये है मेरे श्याम का दर,
ये है मेरे श्याम का दर।
ज्यादा नहीं बस, ढाई अक्षरों का नाम है,
जिसकी जुबां से निकला, एक बार श्याम है,
श्याम श्याम, श्याम श्याम,
जिसकी जुबां से निकला, एक बार श्याम है,
आशाओं की लक्खा कलि, मुरझाई खिल गई,
जो आस थी इस दिल की, बेधड़क वो मिल गई,
ये है मेरे श्याम का दर,
ये है मेरे श्याम का दर.......