पांचो उंगली से हाथ बना क्या राज छिपा इन हाथों में,
कहते ज्ञानी हर मानव का है राज छुपा इन हाथों में....
उठो सवेरे सर्वप्रथम हाथों को मिलाओ हाथों से,
महालक्ष्मी महासरस्वती का दर्शन पाओ हाथों से,
हाथों में श्री गोविंद बिराजे दर्शन पाऊं हाथों से,
दिव्य अलौकिक शक्ति छिपी है भगत तुम्हारे हाथों में,
कर्म प्रधान विश्व रचि राखा राज छिपा इन हाथों में,
कहते ज्ञानी हर मानव का.....
ध्यान योग और जब तप में सहयोग मिला है हाथों का,
हर कीर्तन में ताली का बजाना योग मिला है हाथों का,
शत्रु बनाने से पहले तुम मित्र बनाओ हाथों से,
दोनों का उपयोग करो अहंकार मिटाओ हाथों से,
माता पिता के चरणों को छू लो तुम दोनों हाथों से,
गलती का एहसास करो तुम कान पकड़ लो हाथों से,
पांचों उंगलियों के नाम है क्या यह राज छुपा इन हाथों में,
कहते ज्ञानी हर मानव का.....
सीता जी की 6 उंगली थी बाएं हाथ के पंजे में,
मां ने उसको काट दिया है दाएं हाथ के पंजे से,
वृक्ष बांस का बना उसी क्षण उंगली के कारण पंजे से,
उंगली का वह चमत्कार उपकार किया है पंजे से,
धनुष हिलाकर शिव शंकर का चमत्कार किया पंजे ने,
कहते ज्ञानी हर मानव का.....