सुनी रे मैंने श्याम धनि जग में तेरी शान घणी,
जग हर हारे की खाटू में बात बनी तू सेठ सेठो का सेठ संवारा,
जिसने पुकारा इक वार आ गया होक बाबा नीले पे सवार आ गया,
लेके जो निशान तेरे द्वार आ गया जीता वोही जो मान के हार आ गया.
मिटी वो छुए तो बन जाए मणि,
जिसने पुकारा इक वार आ गया होके बाबा नीले पे सवार आ गया,
हारे के सहारे तेरा किसा भी कमाल है,
शीश का तू दानी तेरी कही न मिसाल है,
ठहरे तेरे आगे भला किस की मजाल है,
उसे क्या हराये कोई जिसकी तू ढाल है,
जिसे हो जताना तेरे मन में ठनी,
जिसने पुकारा इक वार आ गया होके बाबा नीले पे सवार आ गया,
तेरे तीन बानो के है चर्चे बड़े तीनो लोक वाले हाथ जोड़े है खड़े,
जो भी तेरे मंदिर की सीढ़ियां चढ़े उस पर दुखो का कभी साया न पड़े,.
जिसपे तेरी किरपा की चादर है तनी,
जिसने पुकारा इक वार आ गया होक बाबा नीले पे सवार आ गया,
सौंप दी मैंने भी तुझे डोर सँवारे,
चाहे तू नाचा ले जिस और सँवारे,
कर मेरी अर्जी पे गौर सँवारे,
मेरा न सहारा कोई और सँवारे,
कांच हु बना दे मुझे हीरे के कनि,
सुनी रे मैंने श्याम धनि जग में तेरी शान धनि जग के हारे की खाटू में बात बनी,
तू सेठ सेठो का सेठ संवारा,
जिसने पुकारा इक वार आ गया होक बाबा नीले पे सवार आ गया,