कलयुग दे विच आ गया, इक छोटा जेया नाथ,
बाबा बालक नाथ मेरा बाबा बालक नाथ.....
हथ विच जिसदे चिमटा सजदा,
भगतां दे दुःख नू ओ हरदा,
देओत सिद्ध विच रेह्न्दा है ओ,
जग दा ओ पालनहार,
बाबा बालक नाथ मेरा बाबा बालक नाथ.....
माँ रत्नो दे घर विच आके,
बारह साल दा क़र्ज़ चूका के,
माँ रत्नो नू दर्श दिखा के,
कर गया बेड़ा पार,
बाबा बालक नाथ मेरा बाबा बालक नाथ.....
महिमा ‘शिवम् विर्क’ है लिखदा,
गा के उसनु ‘मनी’ है कहंदा,
जोगी उसनु तार देंदा है,
नाम जपे जो दिन रात,
बाबा बालक नाथ मेरा बाबा बालक नाथ.....