मै तुमको शीश नवाता हूँ

जहाँ पवन बहे संकल्प लिए,
जहाँ पर्वत गर्व सीखातें हैं,
जहाँ ऊँचे नीचे सब रस्ते,
भक्ति के सुर में गाते हैं....

उस देवभूमि के ध्यान से,
मै धन्य धन्य हो जाता हूँ,
उस देवभूमि के ध्यान से,
मै धन्य धन्य हो जाता हूँ,

है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा,
मै तुमको शीश नवाता हूँ....

मै तुमको शीश नवाता हूँ,
और धन्य धन्य हो जाता हूँ,
मै तुमको शीश नवाता हूँ,
और धन्य धन्य हो जाता हूँ,
हो जाता हूँ, हो जाता हूँ....

मांडवे की रोटी और हुड़के की थाप,
हर एक मन करता शिवजी का जाप,
ऋषि मुनियों की है ये तपोभूमी,
इतने वीरों की ये जन्मभूमी....

तुम आँचल हो भारत का,
जीवन की धूप में छाँव तुम....

तुम आँचल हो भारत का,
जीवन की धूप में छाँव तुम,
बस छूने से तर जाए,
सबसे पवित्र वो पाँव हो तुम....

बस लिए समर्पण तन मन से,
मै देवभूमी में आता हूँ,
है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा,
मै तुमको शीश नवाता हूँ...

मै तुमको शीश नवाता हूँ,
और धन्य धन्य हो जाता हूँ,
मै तुमको शीश नवाता हूँ,
और धन्य धन्य हो जाता हूँ,
मै तुमको शीश नवाता हूँ,
और धन्य धन्य हो जाता हूँ,
मै तुमको शीश नवाता हूँ,
और धन्य धन्य हो जाता हूँ,
हो जाता हूँ, हो जाता हूँ…….

है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा,
मै तुमको शीश नवाता हूँ,
मै तुमको शीश नवाता हूँ……
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