पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया,
माँ की चुनरिया शेरावाली की चुनरिया…..
उड़ के चुनरिया कैलाश पे पहुंची,
कैलाश पे पहुंची कैलाश पे पहुंची,
माँ गौर जी के मन को भा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरिया……
उड़ के चुनरिया अयोध्या में पहुंची,
अयोध्या में पहुंची अयोध्या में पहुंची,
माँ सीता जी के मन को भा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरिया……
उड़ के चुनरिया गोकुल में पहुंची,
गोकुल में पहुंची गोकुल में पहुंची,
माँ राधा के मन को भा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरिया……
उड़ के चुनरिया सत्संग में पहुंची,
सत्संग में पहुंची सत्संग में पहुंची,
रे भगतों के मन को भा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरिया……