वृंदावन रस बरसे श्री राधे,
श्री राधे श्याम राधे....
श्याम मोहे कंकर मत मारो,
मटकिया फुट जाएगी श्री राधे,
वृंदावन रस बरसे......
श्याम मेरा घूंघटा मत खोलो,
लाज मोहे आ जाएगी श्री राधे,
वृंदावन रस बरसे......
श्याम मेरी चुनर मत खींचो,
चुनरिया सरक जाएगी श्री राधे,
वृंदावन रस बरसे......
श्याम मोहे छोड़ के मत जाना,
अकेली तरस जाउंगी श्री राधे,
वृंदावन रस बरसे......
श्याम तुम कुंजो में आ जाना,
रास रचायेंगे श्री राधे,
वृंदावन रस बरसे......