श्यामा जु मेरी नैया उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाई है आगे भी निभा देना,
दल बल के साथ माया घेरे जो मुझे आकर,
तुम देखती ना रहना मुझे आ के बचा लेना,
सम्भव है झंझटो में मैं तुमको भूल जाऊँ,
मेरी श्यामा कही तुम भी मुझको ना भुला देना,
बन कर के मोर श्यामा वन वन में नाचा करेंगे,
तुम श्याम रूप बनकर उस वन में डटा करना,
बनकर के पपीहा हम पीहू पीहू रटा करेंगे,
तुम स्वाति बून्द बनकर प्यासो पे दया करना,
तुम इष्ट में उपासक तुम देव मैं पुजारी,
ये बात अगर सच है सच करके दिखा देना,
श्यामा जु मेरी नैया उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाई है आगे भी निभा देना,