हे श्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है

हे श्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मीठी घायल कर जाती है।

सोने की होती जो, ना जाने क्या करती,
जब बांस की होकर यह दुनिया को नचाती है।

तुम गोरे होते जो, ना जाने क्या करते,
जब काले रंग पे यह दुनिया मर जाती है।

कभी रास रचाते हो, कभी बंसी बजाते हो,
कभी माखन खाने की मन में आ जाती है।

जय गोविंदा जय गोपाला,
मुरली मनोहर मुरली वाला।

श्रेणी
download bhajan lyrics (6840 downloads)