भजन कर प्राणी-2, बिती जा रही है तेरी
जिंन्दगानी-2
भजन कर....
1.स्वांसों की माला पे तूॅं,हरि नाम गा ले-2
मन बावंरे को हरि,भजंन में लगा ले-2
क्यों तूॅं समझे ना,नादान प्राणी-2
बिती जा रही है,तेरी जिंन्दगानी-2
भजन कर....
शैर-जिंन्दगीं में जिंन्दगीं का राज़ पाना
चाहिए।
जिंन्दगीं में जिंन्दगीं को मुस्कुरांना
चाहिए।।
जिंन्दगीं में जिंन्दगी की शर्त अगर पुरी
ना हो।
तो जिंन्दगीं को जिंन्दगीं से रूठ जाना
चाहिए।।
2.हरि गुरू सतंन की,सेवा ना किंनीं-2
मुरख़ चादर मैंली किंनीं तुॅंनें-2
गुरू आग्या तुनें नहीं मानीं-2
बिती जा रही है,तेरी जिंन्दगानीं-2
भजन कर....
3.झुठे जग में,मन ललचावे-2
अंत समय कोऊ,काम ना आवे-2
फिर भी ना समझे,तूॅं अभिमानी-2
बिती जा रही है,तेरी जिंन्दगानीं-2
भजन कर....