होली खेलूँगी नंदलाल म्हाने ल्यादे ने पिचकारी
म्हाने ने पिचकारी म्हाने ल्यादे रंग पिचकारी
होली खेलूँगी नंदलाल म्हाने ल्यादे ने पिचकारी
मैं बरसाना की गोरी मत जान गुर्जर की छोरी,
रंग की मारी ऐसी मार म्हाने ल्यादे ने पिचकारी,
मौसम फाग़न को आयो म्हारो मंन भोलो घरनायो ,
अपनी भक्ति को रंग डाल म्हाने ल्यादे ने पिचकारी,
ई तन मंन में बसजायो मत नैना दूर हटायो ,
थारा रंग में रंग गोपाल म्हाने ल्यादे ने पिचकारी,
थे दीपक में बाती हा जन्म जन्म का साथी ,
म्हारो अजर रंग भरतार म्हाने ल्यादे ने पिचकारी ,