मैं कश्मीर नहीं जाउंगी मुझै जम्मू उतार दो
पहला संदेसा वैष्णो माँ का आया
कोई बहाना न मैंने बनाया,
वैष्णो मैया को चूनर ओढ़ाउंगी
मुझै कटरा उतार दो,
मैं कश्मीर नहीं जाउंगी मुझै जम्मू उतार दो
दूजा संदेसा माँ कालका का आया
कोई बहाना न मैंने बनाया,
काली मैया को खप्पर चढाउंगी
मुझै कलकत्ता उतार दो,
मैं कश्मीर नहीं जाउंगी मुझै जम्मू उतार दो
तीजा संदेसा माँ शारदा का आया
कोई बहाना न मैंने बनाया,
शारदा मैया को कंगन पहनाऊँगी
मुझे सतना उतार दो
मैं कश्मीर नहीं जाउंगी मुझै जम्मू उतार दो
चौथा संदेसा ब्रजेश्वरी माँ का आया
कोई बहाना न मैंने बनाया,
मैया को भेटे चढाउंगी
मुझे काँगड़ा उतार दो
मैं कश्मीर नहीं जाउंगी मुझै जम्मू उतार दो
पांचवा संदेसा मेरी अम्बे माँ का आया
कोई बहाना न मैंने बनाया,
अम्बे मैया को नारियल चढाउंगी
मुझे सूरत उतार दो
मैं कश्मीर नहीं जाउंगी मुझै जम्मू उतार दो