खुश हो जाये सँवारा तो संवारा हर ठाठ देता है,
जयदा उड़ने वालो के पर ये काट देता है,
इस दर पे जब कभी आना और चाहो खुशिया पाना,
बन कर के सखा सुधामा चरणों में शीश झुकाना,
ये घर आंगन को धन दोलत से पाट देता है,
जयदा उड़ने वालो के पर ये काट देता है,
ये कलयुग का अवतारी करे नीले पर करे सवारी,
के मोर छड़ी हाथो में हर लेता संकट भारी,
गम की बदली काली काली छाट देता है,
जयदा उड़ने वालो के पर ये काट देता है,
नजरे है इसकी बांकी बस प्रेम से जानको झांकी,
पर याद सदा ये रखना ना करना कभी चालाकी,
ये चालाको की पल खड़ी कर ठाठ देता है
जयदा उड़ने वालो के पर ये काट देता है,
खाटू नगरी इसे प्यारी सुंदर मेरा श्याम बिहारी,
बेधरक प्रेम करता है करता है ये सच्चा प्रेम पुजारी,
अपने हिसे की खुशियाँ सब में बाँट देता है,
जयदा उड़ने वालो के पर ये काट देता है,