शिरडी नगर का महाराजा मेरा साई पिया महाराज,
करता कर्म है अन दाता मेरा साई पिया महाराज,
द्वीप जलाये पानी से और बिगड़े बनाये काम,
झोली सभी की भर देता है मेरा साई राम,
शिरडी नगर का महाराजा......
सबके दिलो पे आज भी साई का राज है,
बैठा है सिर पे पहने ये सोने का ताज है,
किरपा है मेरे साई की हर एक गुलाम पर,
रखता ज़माने भर में सभी की लाज है,
शिरडी नगर का महाराजा...
साई का नाम जपने से शोरत मिली मुझे,
दौलत भी मुझको मिल गई इज्जत मिली मुझे,
साई ने रखी लाज अपने गुलाम की,
जाऊ यहाँ भी साई की रेहमत मिली मुझे,
शिरडी नगर का महाराजा
तारिक हु मैं साई का और साई है मेरा,
म स निज़ामी ने अदा साई से पाई है,
शिरडी नगर का महाराजा .......