दानी हो कर क्यों चुप बैठा

दानी हो कर क्यों चुप बैठा ये कैसी दातारि रे,
श्याम बाबा तेरे भक्त दुखारी रे,

दिन फलके जो वृक्ष सोहे बिन बनते नारी रे,
श्याम बाबा तेरे भक्त दुखारी रे,

श्याम सूंदर ने खुश हो कर तुझे अपना रूप दिया है,
और हमने इस रूप का दर्शन सो सो बार किया है,
हमरे संकट दूर न हो तो यो बदनामी थी रे,
श्याम बाबा तेरे भक्त दुखारी रे,

ना चाहु मैं हीरे मोती ना चाहु मैं सोना,
मेरे आँगन भेज दे दाता तुझसे एक सलोना,
हम को क्या जो वन उपवन में फूल रही फुलवाड़ी रे,
श्याम बाबा तेरे भक्त दुखारी रे,

जब तक आशा पुराण ना हो दर से हम न हटे गे,
सब भगतो को बहका देंगे हु भी नाम ना लेंगे,
सोच ले तू भक्तो का पलड़ा सदा रहा बाहरी रे,
श्याम बाबा तेरे भक्त दुखारी रे,

download bhajan lyrics (1150 downloads)