सातों दिन मेरे साई के क्या बुध गुरु रविवार,
जब भी मन से पुकार लो आते है साई सरकार,
ओ साई शिरडी वाले अगर फुरशत मिले जरा सी,
घर मेरे आना ओ साई शिरडी वाले
सोमवार के दिन तुम शिवशंकर रूप में आना,
जटा में लेकर गंगा तुम हमको दर्श दिखाना,
अगर मंगल के दिन आना तो गणपति रूप में आना,
संग लेकर रिद्धि सीधी सब वीगन मेरे हर जाना,
ओ साई शिरडी वाले...
बुध वार के दिन तुम श्री ब्रह्मा रूप में आना,
भाग्य विदाता बन के मेरे बिगड़े भाग्ये बनाना,
अगर गुरूवार को आना श्री सतगुरु रूप में आना,
तुम हाथ पकड़ के मेरा मुझे ज्ञान राह दिखाना,
ओ साई शिरडी वाले
शुक्रवार के दिन तुम माता के रूप में आना,
ममता की देके छइयां मेरे शीश हाथ दरजाना,
अगर शनिवार को आना श्री हनुमत रूप को आना,
भये संकट सब मेरे हर के श्री राम से मुझे मिलाना शनि देव के दर्शन करवाना,
ओ साई शिरडी वाले...
रविवार के दिन तुम साई सूरए देव बन जाना,
अज्ञान अँधेरा हर के तुम ज्ञान की ज्योति जगाना,
हाथ जोड़ करू मैं विनती ये अर्ज कभी नहीं ठुकराना,
कोई एक दिवस चुन लेना पर साई जरूर आना,
ओ साई शिरडी वाले