सारे रल मिल देयो नि वधाई यशोदा घर लाल ज़मिया,
नन्द घर नन्द गांव विच बजी शहनाई,
यशोदा घर लाल ज़मिया........
विष्णु दा अठवा होया अवतार जी,
धरती ते आया जग दा पालनहार जी,
तीन लोक पये करण वड्याई,
नन्द घर नन्द गांव विच बजी शहनाई......
मोर पंख दा मुकट बना के कान्हा दे मैं सिर ते सजा के,
हाथ निकी जाहि मुरली फडाई,यशोदा घर लाल जामिया,
नन्द घर नन्द गांव विच बजी शहनाई...
बिनु आखे कृष्णा तो मैं सद के मैं जावा,
देवकी नंदन दिया लवा मैं बलावा,
तेरी जय हो जय हो कृष्ण कन्हईआ,
यशोदा घर लाल जामिया,
नन्द घर नन्द गांव विच बजी शहनाई,