तन में राम मन में राम

तन में राम मन में राम,रोम रोम में समाया,
साईं नाथ अनमोल खजाना जिन चाहा तिन पाया,

झूठे बेर साईं ने खाए,
लक्ष्मण अति सब चाहे,
सबरी के मन प्रीत कितनी लक्ष्मण समज न पाए,
तन में राम मन में राम ........

शिर्डी में बाबा शिव आये अवतारी साईं कहलाये,
बाबा तेरे रूप है कितने भगती बिना कोई समज न पाए,
साईं राम साईं राम ...

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