अगर मेरे जोगी का सहारा न होता,
दुनिया में कोई भी हमारा न होता,
दूर न होती मन की चिंता न कोई खुशाली होती,
जीवन की भगियां में मेरे ना कोई हरयाली होती,
कश्ती का कोई भी किनारा न होता,
दुनिया में कोई भी हमारा न होता,
अगर मेरे जोगी का सहारा न होता,
दया अगर ना होती उसकी,
सुख चैन कोई अरमान न होता,
ना मिलती शोहरत इस जग में,
मान कोई समान न होता,
कही पर भी मेरा गुजरा न होता,
दुनिया में कोई भी हमारा न होता,
अगर मेरे जोगी का सहारा न होता,
सफल कभी हम कही न होते अगर उसे हम जान ना पाते,
जितने स्वास लिए है अब तक सुर सागर किसे काम न आते,
स्वासो से जोगी को पुकारा ना होता,
दुनिया में कोई भी हमारा न होता,
अगर मेरे जोगी का सहारा न होता,