सिद्ध जोगी दे पै गई रात मेरा मन लग ओ गया,
शाहतलाइयाँ पै गई रात मेरा मन लग ओ गया,
लग ओ गया बाबा लग ओ गया,
सिद्ध जोगी दे पै गई रात मेरा मन लग ओ गया,
मोर दी सवारी कर नाथ सोहने लगदे,
गुफा दे नजारे मेले रोनका भी लगदे असि किता है दीदार सारी रात,
मेरा मन लग ओ गया
सिद्ध जोगी दे पै गई रात मेरा मन लग ओ गया......
सोहनी जाहि सिर उते जचन जटावा जी चित करे जोगी दा दीदार नित पावा जी,
नाले बन जावा मैं चाँद दी चकोर,
मेरा मन लग ओ गया
सिद्ध जोगी दे पै गई रात मेरा मन लग ओ गया,
हाथ विच चिमटा ते पैरी पहुये पाये ने,
सिद्ध जोगी देखो कैसे रूप बनाये ने,
नाले रेहमता दी हो रही बरसात,
मेरा मन लग ओ गया
सिद्ध जोगी दे पै गई रात मेरा मन लग ओ गया,